बेहद स्वास्थ्यवर्धक है धान के छिलके का तेल |
25 दिसंबर 2009
वार्ता
नयी दिल्ली। मोटापा और कोलेस्ट्राल बढने के डर से तली चटपटी चीजों को देखकर मन मसोसकर रह जाने वाले अब धान के छिलके के तेल की वजह से मन पसंद व्यंजनों का लुफ्त उठा सकेंगे।
"अमेरिकन जरनल आफ क्लीनिकल न्यूट्रीशिन" में प्रकाशित एक रिपोर्ट में बताया गया है कि धान के छिलके का तेल व्यस्कों में कोलेस्ट्राल को कम करता है। नियंत्रित खुराक के साथ धान के तेल में बने खाद्य पदार्थों के सेवन से कुल कोलेस्ट्राल का स्तर विशिष्ट रप से कम होता है। इसके अलावा इस तेल के सेवन से हानिकारक एलडीएल कोलेस्ट्राल सात प्रतिशत क घट जाता है. जबकि एचडीएल कोलेस्ट्राल में कोई परिवर्तन नहीं होता।
विश्व स्वाथ्य संगठन (डब्ल्यू एच ओ) के मुताबिक सैचुरेटिड फैट ऐसिड मोनो अनसैचुरेटिड फैटी ऐसिड पाली अनसैचुरेटिड फैटी ऐसिड के बीच अनुपात 1.1- 5.1 होना चाहिए। विशेषग्यों का कहना है कि धान का तेल डब्ल्यू एच ओ की सिफारिशों पर ही नहीं बल्कि अन्य तेलों की तुलना में भी कहीं ज्यादा खरा उतरता है।
लंबे अर्से से भारत में स्नैक्स को पोंष्टिकता के आधार पर नहीं बल्कि स्वाद के आधार पर ही पसंद किया जाता है। इस पसंद में सेहत को हमेशा दूसरा सथान मिलता था लेकिन आज ज्यादातर लोग कुछ भी खाने में विश्वास नहीं रखते और समझदारी से खाद्य पदार्थों का चयन करते हैं।
विशेषग्यों का कहना है कि हमारे स्नैक्स अधिकतर सैचुरेटिड फैट या ट्रांस फैट युक्त तेल में तले जाते हैं। इस प्रकार की वसा रक्त में कोलेस्ट्राल के स्तर को बढाती है जो दिल के रोगों का सबसे बडा कारण है। यदि आप 20 से 30 वर्ष के बीच हैं तनाव भरे माहौल में काम कर रहे हैं और अस्वाथ्यकर तेल में बने स्नैक्स भी खाने के शौकीन हैं तो चौकन्ना हो जाइए क्योंकि हो सकता हो कि इन सब का दंश आपका दिल चुपचाप सह रहा हो।
धान के तेल में बने स्नैक्स में सैचुरेटिड फैटी ऐसिड अन्य स्नैक्स के मुकाबले काफी कम यानी करीब 40 प्रतिशत तक कम हो जाते हैं क्योंकि धान के छिलके के तेल से बने स्नैक्स मोनो सोडियम ग्लूटामेट (एमएसजी) से मुक्त होते हैं जो मोटापे का प्रमुख कारण हैं।
उनका कहना है कि "स्नैकिंग" यानी दोपहर और रात्रि के भोजन के बीच में कुछ हल्का खाना आमतौर पर लोग न सिर्फ पसंद करते हैं बल्कि एसा करना जरूरी भी है। स्नैकिंग से भोजन के अंतराल में ऊर्जा का स्तर बना रहता है जिससे दिन बढने के साथ साथ ऊर्जा में कमी नहीं होती। स्नैकिंग से ज्यादा खाने से भी बचाव होता है क्योंकि ज्यादा खाने से ही मोटापा की समस्याएं झेलनी पड सकती हैं।
धान के छिलके के तेल को जैतून के तेल का भारतीय संस्करण कहा जाता है। जैतून के तेल को कम ट्रांस फैट वाला स्वास्थ्यकर तेल कहा जाता है जिसमें लगभग सभी जरूरी फैटी ऐसिड और नान फैटी ऐसिड अवयव होते हैं जिनके सेहत पर लाभदायक प्रभाव होते हैं।
सेहत के लिए धान के तेल के अन्य फायदों में शामिल हैं शरीर के फ्री रैडिकल्स से लड कर बढती उम्र के असर को कम करना। काबिले गौर है कि फ्री रेडिकल्स वे रसायन हैं जो उम्र बढने के लिए जिम्मेदार हैं।
वार्ता
नयी दिल्ली। मोटापा और कोलेस्ट्राल बढने के डर से तली चटपटी चीजों को देखकर मन मसोसकर रह जाने वाले अब धान के छिलके के तेल की वजह से मन पसंद व्यंजनों का लुफ्त उठा सकेंगे।
"अमेरिकन जरनल आफ क्लीनिकल न्यूट्रीशिन" में प्रकाशित एक रिपोर्ट में बताया गया है कि धान के छिलके का तेल व्यस्कों में कोलेस्ट्राल को कम करता है। नियंत्रित खुराक के साथ धान के तेल में बने खाद्य पदार्थों के सेवन से कुल कोलेस्ट्राल का स्तर विशिष्ट रप से कम होता है। इसके अलावा इस तेल के सेवन से हानिकारक एलडीएल कोलेस्ट्राल सात प्रतिशत क घट जाता है. जबकि एचडीएल कोलेस्ट्राल में कोई परिवर्तन नहीं होता।
विश्व स्वाथ्य संगठन (डब्ल्यू एच ओ) के मुताबिक सैचुरेटिड फैट ऐसिड मोनो अनसैचुरेटिड फैटी ऐसिड पाली अनसैचुरेटिड फैटी ऐसिड के बीच अनुपात 1.1- 5.1 होना चाहिए। विशेषग्यों का कहना है कि धान का तेल डब्ल्यू एच ओ की सिफारिशों पर ही नहीं बल्कि अन्य तेलों की तुलना में भी कहीं ज्यादा खरा उतरता है।
लंबे अर्से से भारत में स्नैक्स को पोंष्टिकता के आधार पर नहीं बल्कि स्वाद के आधार पर ही पसंद किया जाता है। इस पसंद में सेहत को हमेशा दूसरा सथान मिलता था लेकिन आज ज्यादातर लोग कुछ भी खाने में विश्वास नहीं रखते और समझदारी से खाद्य पदार्थों का चयन करते हैं।
विशेषग्यों का कहना है कि हमारे स्नैक्स अधिकतर सैचुरेटिड फैट या ट्रांस फैट युक्त तेल में तले जाते हैं। इस प्रकार की वसा रक्त में कोलेस्ट्राल के स्तर को बढाती है जो दिल के रोगों का सबसे बडा कारण है। यदि आप 20 से 30 वर्ष के बीच हैं तनाव भरे माहौल में काम कर रहे हैं और अस्वाथ्यकर तेल में बने स्नैक्स भी खाने के शौकीन हैं तो चौकन्ना हो जाइए क्योंकि हो सकता हो कि इन सब का दंश आपका दिल चुपचाप सह रहा हो।
धान के तेल में बने स्नैक्स में सैचुरेटिड फैटी ऐसिड अन्य स्नैक्स के मुकाबले काफी कम यानी करीब 40 प्रतिशत तक कम हो जाते हैं क्योंकि धान के छिलके के तेल से बने स्नैक्स मोनो सोडियम ग्लूटामेट (एमएसजी) से मुक्त होते हैं जो मोटापे का प्रमुख कारण हैं।
उनका कहना है कि "स्नैकिंग" यानी दोपहर और रात्रि के भोजन के बीच में कुछ हल्का खाना आमतौर पर लोग न सिर्फ पसंद करते हैं बल्कि एसा करना जरूरी भी है। स्नैकिंग से भोजन के अंतराल में ऊर्जा का स्तर बना रहता है जिससे दिन बढने के साथ साथ ऊर्जा में कमी नहीं होती। स्नैकिंग से ज्यादा खाने से भी बचाव होता है क्योंकि ज्यादा खाने से ही मोटापा की समस्याएं झेलनी पड सकती हैं।
धान के छिलके के तेल को जैतून के तेल का भारतीय संस्करण कहा जाता है। जैतून के तेल को कम ट्रांस फैट वाला स्वास्थ्यकर तेल कहा जाता है जिसमें लगभग सभी जरूरी फैटी ऐसिड और नान फैटी ऐसिड अवयव होते हैं जिनके सेहत पर लाभदायक प्रभाव होते हैं।
सेहत के लिए धान के तेल के अन्य फायदों में शामिल हैं शरीर के फ्री रैडिकल्स से लड कर बढती उम्र के असर को कम करना। काबिले गौर है कि फ्री रेडिकल्स वे रसायन हैं जो उम्र बढने के लिए जिम्मेदार हैं।
शक्तिशाली ऐंटीआक्सीडेंट की वजह से धान का तेल अन्य तेलों के मुकाबले कहीं अधिक पक्की आक्सीकरण रोधी स्थिरता प्रदान करता है। इस वजह से स्नैक्स के दीर्घकालीन सेवन के लिए यह तेल एक आदर्श विकल्प है क्योंकि इससे बने स्नैक्स में लंबे समय तक पौष्टिकता बनी रहती है। यानी यदि आप आज एक पैकेट खोलते हैं तो दो दिनों के बाद भी उसके स्वाद एवं पौष्टिकता में कोई कमी नहीं आएगी।
bahut achchhi news hai ,
ReplyDelete